Friday, July 5, 2019

क्या ख़तरनाक है आपके लिए आधार कार्ड?

"मेरी उंगलियों और आंखों की पुतलियों पर किसी और का हक़ नहीं हो सकता. इसे सरकार मुझे मेरे शरीर से अलग नहीं कर सकती." आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट में एक वक़ील ने अपनी दलील में यह कहा था.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में आधार का बचाव करते हुए भारत सरकार के तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का अपने शरीर पर मुकम्मल अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा, ''आपको अपने शरीर पर पूरा अधिकार है, लेकिन सरकार आपको अपने अंगों को बेचने से रोक सकती है. मतलब स्टेट आपके शरीर पर नियंत्रण की कोशिश कर सकता है.'' इस व्यापक बायोमेट्रिक डेटाबेस संग्रह को लेकर निजता और सुरक्षा के लिहाज से चिंता जताई जा रही है.
श्याम दीवान एक अहम याचिका के दौरान बहस कर रहे थे, जिसमें एक नए क़ानून को चुनौती दी गई है. इस क़ानून के मुताबिक आम लोगों को अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाख़िल करने के लिए आधार को ज़रूरी बनाया गया है.
आधार आम लोगों की पहचान संख्या है जिसके लिए सरकार लोगों की बायोमेट्रिक पहचान जुटा रही है. आम लोगों की बायोमेट्रिक पहचान से जुड़ी जानकारी के डेटाबेस की सुरक्षा और आम लोगों की निजता भंग होने के ख़तरे को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं.
सरकार के मुताबिक पहचान नंबर को इनकम टैक्स रिटर्न्स से जोड़ने की ज़रूरत, व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए है.
वैसे भारत का बायोमेट्रिक डेटाबेस, दुनिया का सबसे बड़ा डेटाबेस है. बीते आठ साल में सरकार एक अरब से ज़्यादा लोगों की उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के निशान जुटा चुकी है.
भारत की 90 फ़ीसदी आबादी की पहचान, अति सुरक्षित डेटा सेंटरों में संग्रहित है. इस पहचान के बदले में आम लोगों को एक ख़ास 12 अंकों की पहचान संख्या दी गई है.
1.2 अरब लोगों के देश में केवल 6.5 करोड़ लोगों के पास पासपोर्ट हों और 20 करोड़ लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस हों, ऐसे में आधार उन करोड़ों लोग के लिए राहत लेकर आया है जो सालों से एक पहचान कार्ड चाहते थे.
सरकार इस आधार संख्या के सहारे लोगों को पेंशन, स्कॉलरशिप, मनरेगा के तहत किए काम का भुगतान और उज्जवला गैस स्कीम और ग़रीबों को सस्ता राशन मुहैया करा रही है.
बीते कुछ सालों के दौरान आधार संख्या का दबदबा इतना बढ़ा है कि इसने लोगों के जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.
समाजविज्ञानी प्रताप भानु मेहता आधार के बारे में कहते हैं, "यह आम नागरिकों को सशक्त बनाने के औजार के बदले अब सरकार द्वारा लोगों की निगरानी करने का हथियार बन चुका है."
देश भर में चलाई जा रही 1200 जन कल्याण योजनाओं में 500 से ज़्यादा योजनाओं के लिए अब आधार की ज़रूरत पड़ेगी. यहां तक कि बैंक और प्राइवेट फर्म भी अपने ग्राहकों के सत्यापन के लिए आधार का इस्तेमाल करने लगे हैं.
लोग इस आधार नंबर के ज़रिए अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.
मीडियानामा न्यूज़ वेबसाइट के संपादक और प्रकाशक निखिल पाहवा कहते हैं, "इसे ज़बरन मोबाइल फ़ोन, बैंक ख़ाते, टैक्स फ़ाइलिंग, स्कॉलरशिप, पेंशन, राशन, स्कूल एडमिशन और स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े या फिर और भी बहुत कुछ से जोड़ने की कोशिश से लोगों की निजी जानकारियों के लीक होने का ख़तरा बढ़ेगा."
ऐसी आशंकाएं निराधार नहीं हैं. हालांकि सरकार ये भरोसा दे रही है कि बायोमेट्रिक डेटा बेहद सुरक्षित ढंग से इनक्रिप्टेड रूप में संग्रहित है. सरकार ये भी कह रही है कि डेटा लीक करने के मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर ज़ुर्माना लगाया जा सकता है, जेल भेजा जाएगा.

Tuesday, July 2, 2019

联合国粮农组织在重要关口迎来首位中国籍干事

英国政策研究机构查塔姆研究所杰出访问学者蒂姆·伯顿表示,如果我们想要保卫自身健康和自然环境,就必须抓紧时间改变现有的粮食生产与消费模式

粮农系统的温室气体排放占全球排放总量的三分之一。我们只剩下12年的时间采取行动避免灾难性的气候变化。为此,联合国粮农组织代表汇聚罗马,委任了一名引领全球粮食政策走向健康和可持续的新任总干事。

北京时间6月23日,联合国粮农组织各成员国以一国一票的方式进行无记名投票,中国候选人屈冬玉获得超过半数投票,打败法国籍候选人凯瑟琳·卡特琳以及格鲁吉亚籍候选人大卫·基尔瓦利泽,当选该组织首位中国籍干事,首次任期四年

“让我们携手共建一个更加充满活力的粮农组织,为了建设一个更好的世界,朝着实现联合国2030年可持续发展议程而努力,”屈冬玉在当选后的首次讲话中说到。

联合国粮食与农业组织(FAO)于1945年在加拿大魁北克省成立,初始成员国42个,现有成员国192个。根据机其宪章,联合国粮农组织的宗旨是确保“人类免受饥饿困扰”。

如今,联合国粮农组织的主要工作是减缓粮食生产对气候造成的影响以及确保粮食生产系统适应不可预测的气候条件。

历史的十字路口

本次联合国粮农组织大会为期一周。而大型工业化农业和本地自产自销的小型农业两种截然不同的农业发展模式在本次大会上激烈碰撞。

伯顿表示“全球粮食系统正站在十字路口”。

他补充道,目前这种追求大量廉价高卡路里淀粉类作物的粮食系统如果不进行大刀阔斧的改变,我们将会继续对整个地球乃至人类造成破坏。

在现在这个关键历史时期,联合国粮农组织为这场全球粮食辩论定下了基调。伯顿表示,即将离任的粮农组织总干事若泽·格拉齐亚诺·达席尔瓦来自巴西,他将营养与可持续性定位为全球粮食发展愿景的核心思想,其继任者能够秉承这个原则将十分重要

巴西盖图罗·瓦格斯基金会农业企业研究中心协调员罗伯托·罗格里格斯表示,经济保护主义和中美贸易战都为粮农组织这种以粮食安全为导向的多边组织设置了一个颇具挑战的运作背景。

他说,“贸易战关系到每个人,而且会产生危险的中期经济后果

政治还是政策?

屈冬玉于2011年开始担任中国宁夏回族自治区副主席,并就此开始了他的政治生涯。

他拥有荷兰瓦赫宁根大学遗传育种学博士学位,曾在贵州省负责一项扶贫项目,解决了当地的土豆脱毒问题。

据报道,屈冬玉得到了不少拉美国家的支持,其中最引人瞩目的还是巴西。在如今紧张的中美贸易局势之下,巴西正日渐成为中国重要的农产品合作伙伴

罗格里格斯表示,这主要是因为中巴两国近年来的贸易合作更加紧密,而且双方经济在本质上具有互补性。

伯顿表示,中国“一带一路”倡议投入的大规模投资为屈冬玉参选成功地赢得了发展中国家的支持。

伯顿说,屈冬玉对美国的大农业模式和通过生物技术创新提升作物产量的前景并不看好,而另外一位候选人卡特琳似乎却对其持更为支持的态度。她曾表示如果当选,可能会力推改变目前欧盟对转基因农产品和农业化学品的限制政策

墨西哥国立自治大学(UNAM)农业经济学家尤兰达·特阿帕伽表示,美国支持的大农业模式从环境和经济角度来说都存在根本性缺陷。

她表示,自然是有限的,而我们对廉价食物的追求正在摧毁土壤肥力和海洋的生物多样性,而海洋面临的问题可能比陆地更严重

农业必须依靠健康的土壤环境和可靠的水循环系统。但是,人们却将其看作与其他行业并无二致的社会经济分支。

特阿帕伽表示,“工业化生产从能源与自然运转规律的角度来说是最大骗局”。她指出,那些包括肥料和燃油机械在内的必要投入以谷物形式产生的能量远低于对其投入的能量

她表示,由于农作物——以及利润主要取决于不可预测的天气模式,所以国际资本也无法应对农业投资带来的高风险。

“这就像投资了一个没有屋顶的床垫工厂,一旦下雨你就会失去一切。”

全球约70%的粮食是由家庭农场生产的,而这些家庭农场却往往承担着负担。特阿帕伽表示,家庭农场和渔业公司只有靠补贴和配额才能维持生存。

罗格里格斯曾在2003年到2006年担任巴西农业部长,他承认农业活动存在高风险,并批评补贴政策扰乱了市场秩序。

他告诉“中拉对话,“当富裕国家干预贸易和价格时,没有补贴的发展中国家生产者就会失去市场份额。”

相反,罗格里格斯更倾向于采用农村保险计划,因为这样可以保护生产者免于遭受气候相关损失。他说,这些计划与其说是农业政策,不如说是为城市人口提供的粮食安全政策。

联合国粮农组织称,美国、加拿大和阿根廷等国目前的粮食自给率已经达到120%。而产量过剩带来的常常浪费,并导致生产者遭受经济损失。

伯顿说,这些国家支持的工业化生产模式创造了一个气候“恶性循环”。

只种少数几种易于运输的作物能够降低消费者的花销成本 。这些谷物都还可以用来喂养能够产生大量甲烷的牲畜,而饲养牲畜就要大规模砍伐森林,从而加速气候变化,进而影响粮食产量和“营养素密度”。

从工业化生产到小规模粮食系统

工业化粮食生产导致了一种极不正常的现象,大约8.2亿人缺乏基本的食物,而以加工谷物和添加糖为主的膳食结构却让超过20亿人变得肥胖

近日,有关健康、饮食和可持续食物系统的《EAT-柳叶刀报告》发布。而上述现象也是该报告的主要发现之一。报告建议,我们应该将现有的坚果、水果、蔬菜和豆类消费量都增加一倍。

伯顿说,此前我们对抗饥饿的多方努力侧重的都是卡路里摄入,而不是营养的摄入。

特阿帕伽对现有的单一种植和作物专一化提出了警告,认为殖民文化到来之前,拉丁美洲的饮食结构丰富,完全能够满足当地居民日常需求

她突出强调了中美洲传统农业模式 ,也就是在一个地方同时种植多种食物。不同作物间作能够消除土壤风蚀和病虫害蔓延的风险。

特阿帕伽表示:“这样做产量肯定不及专一化的生产体系,但是却能获得积极的回报。这相当于创造了一个天然屏障,保护作物免受虫害破坏。单一种植玉米的情况下,一旦感染了病虫害,整片地都会遭殃,但如果间作了其他作物,虫害的蔓延就会被控制住。”

而且这种传统模式也不需要化肥,因为豆类和鹰嘴豆等作物能够增加土壤中氮等营养物质的含量,从而自然而然地增加土壤的肥力。

国际环境与发展研究所(IIED)非正式粮食系统研究员亚历杭德罗·瓜林表示,联合国粮农组织大会提供了一个机会,让我们重视和支持地方小型农业生产,这种生产模式主要依靠的是家庭(特别是妇女)的劳作,能够给贫困人口带来更多好处

他说,这一农业系统被粮农组织忽视了太长时间

“粮农组织需要与那些真正参与贫困人口粮食系统工作、并从中获益的人合作,必须将他们看成是我们在提高粮食系统的公平性和可持续性过程中的重要盟友。”

罗格里格斯同样认为我们需要更营养、更健康的食物,但是他也指出,在经济全球化的环境中,只有比其他国家通过可持续的方式生产的产品价格更低,本地生产才有意义。

粮农组织负责人可以连续两届连任。这样一来,下一任粮农组织负责人的任期将有可能持续到2030年,而这也是实现联合国可持续发展目标的最后期限