अमर उजाला के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि देवरिया बालिका संरक्षण गृह कांड की सीबीआई जांच हाईकोर्ट की निगरानी में की जाएगी.
घटना
का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह कौन हैं जो
देह व्यापार करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं? कोर्ट ने सरकार और सीबीआई
से 13 अगस्त तक पूरी जानकारी देने के लिए कहा है. कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश को निर्देश दिया है कि सीबीआई जांच को लेकर केंद्र सरकार के आदेश का पता लगाएं.
अदालत ने वकीलों से कहा है कि वे बताएं कि क्या आश्रय गृह में या इसके आसपास कोई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, साथ ही उन कारों के मालिकों के बारे में भी अवगत कराए जाने को कहा जिनका उपयोग मीडिया की खबरों के मुताबिक, नाबालिग लड़कियों को रात में आश्रय गृह से ले जाने के लिए किया जाता था.
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए देवरिया के तत्कालीन जिलाधिकारी का तुरंत तबादला कर दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस के पहले पन्ने पर दी गई एक ख़बर के मुताबिक यूपी के एक गांव के 70 मुस्लिम परिवार घर छोड़कर चले गए हैं.
बरेली जिले के खेलुम गांव में रहने वाले हिंदू-मुस्लिम परिवारों को पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर कांवड़ यात्रा में कोई रुकावट होती है तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
इसके लिए 441 स्थानीय लोगों से 5 लाख रुपये का बॉन्ड भी साइन करवाया गया है.
इस गांव के पास के मुस्लिम बहुल इलाके से पिछली बार कांवड़ यात्रा के दौरान झड़प हो गई थी जिसमें कई लोग घायल हुए थे.
इस बार भी यात्रा के लिए वही रूट बनाया गया है और लोगों को चेतावनी दी गई है. लेकिन, इसने मुस्लिम परिवारों की चिंताएं बढ़ा दी हैं और वो घर छोड़कर चले गए हैं.
टाइम्स के मुताबिक 9 राज्यों ने अपने यहां बने शेल्टर होम्स में केंद्र सरकार से ऑडिट कराने से इनकार कर दिया है.
इन राज्यों में यूपी और बिहार का नाम भी है जहां से हाल ही में बालिका गृहों में यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं. बाकी बचे राज्यों में दिल्ली, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.
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