Monday, September 24, 2018

हर किसी ने कानून अपने हाथों में ले लिया

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बीमार चल रहे अपने दो मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर उनकी जगह दो नये चेहरों को दी है। मंत्रिमंडल से बाहर किए गये भाजपा के दोनों मंत्री फ्रांसिस डिसूजा और पांडुरंग मडकइकर पिछले कुछ समय से अस्पताल में भर्ती हैं। शहर विकास मंत्री डिसूजा और बिजली मंत्री मडकइकर को ऐसे वक्त कैबिनेट से बाहर किया गया है, जब मुख्यमंत्री पर्रिकर खुद दिल्ली के एम्स में इलाज करा रहे हैं। डिसूजा फिलहाल अमेरिका के एक अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि जून में आघात के बाद से बीमार चल रहे मडकइकर का इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा है। उनकी जगह भाजपा के दो नेताओं- निलेश काबराल और मिलिंद नाइक को कैबिनेट में शामिल किया गया है। नाइक पूर्ववर्ती लक्ष्मीकांत पारसेकर सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं, जबकि काबराल पहली बार मंत्री बने हैं। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा था कि पर्रिकर मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन कैबिनेट में कुछ फेरबदल जरूर होगा। न्यूजर्सी काउंटी के एक वरिष्ठ कानून प्रवर्तन अधिकारी ने अमेरिका के पहले सिख अटॉर्नी जनरल गुरबीर ग्रेवाल की पगड़ी को लेकर नस्ली टिप्पणी करने पर मचे हंगामे के बाद इस्तीफा दे दिया है। बर्जन काउंटी शेरिफ माइकल सौडिनो के 16 जनवरी के बयान को लेकर कई ऑडियो क्लिप डाले जाने के बाद हंगामा मचा। सौडिनो के साथ 4 अंडरशेरिफ ने इस्तीफा दिया है। सौडिनो ने गवर्नर मर्फी की ओर से राजनीतिक दबाव के बाद इस्तीफा दे दिया। डेमोक्रैट सौडिनो का यह तीसरा कार्यकाल था। ऑडियो में सौडिनो को यह कहते सुना जा रहा है कि मर्फी ने ‘पगड़ी’ की वजह से ग्रेवाल को नियुक्त किया। सुप्रीमकोर्ट ने दाऊदी बोहरा मुस्लिमों में प्रचलित बच्चियों के खतना की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को पांच जजों वाली संविधान पीठ को भेज दी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ दिल्ली के एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय की नाबालिग बच्चियों का खतना किए जाने की प्रथा को चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि अवैध तरीके से बच्चियों का खतना किया जाता है और यह बच्चों के अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते, मानवाधिकारों पर संरा की सार्वभौमिक घोषणा के खिलाफ है। इसमें यह भी कहा गया है कि इस प्रथा के चलते बच्चियों के शरीर में स्थायी रूप से विकृति आ जाती है। वहीं, दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के एक समूह ने कहा था कि बच्चियों का खतना कुछ संप्रदायों में किया जाता है। यदि इसकी वैधता का आकलन करना है तो बड़ी संविधान पीठ से कराया जाये। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने सोमवार को हॉटस्टार के पूर्व कार्यकारी अजित मोहन को अपने भारतीय परिचालन का उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की। अमेरिका की कंपनी ने कहा कि भारत में प्रबंध निदेशक एवं उपाध्यक्ष के रूप में मोहन टीम के साथ तालमेल बैठाने और यहां फेसबुक की रणनीति को आगे बढ़ाने की भूमिका निभाएंगे। यह फेसबुक इंडिया के लिए नया ढांचा है। कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी एशिया प्रशांत के बजाय मेन्लो पार्क, अमेरिका में कंपनी के मुख्यालय में रिपोर्ट करते हैं। मोहन अगले साल की शुरुआत में कंपनी के साथ जुड़ेंगे। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने सोमवार को हॉटस्टार के पूर्व कार्यकारी अजित मोहन को अपने भारतीय परिचालन का उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की। अमेरिका की कंपनी ने कहा कि भारत में प्रबंध निदेशक एवं उपाध्यक्ष के रूप में मोहन टीम के साथ तालमेल बैठाने और यहां फेसबुक की रणनीति को आगे बढ़ाने की भूमिका निभाएंगे। यह फेसबुक इंडिया के लिए नया ढांचा है। कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी एशिया प्रशांत के बजाय मेन्लो पार्क, अमेरिका में कंपनी के मुख्यालय में रिपोर्ट करते हैं। मोहन अगले साल की शुरुआत में कंपनी के साथ जुड़ेंगे। सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली में अनधिकृत निर्माणों की सीलिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि हर किसी ने कानून अपने हाथों में ले लिया है। कोर्ट ने एक मोटल के मालिक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। यह मोटल दक्षिण दिल्ली के छत्तरपुर इलाके में स्थित है। इसे अधिकारियों ने सील कर दिया था। जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि हर किसी ने कानून अपने हाथों में ले लिया है। पीठ ने कहा कि किसी को यह क्यों कहना पड़ता है कि कृपया कानून का पालन करिए। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि 14 सितंबर को इमारत के बेसमेंट को अधिकारियों ने सील कर दिया था और फिर 20 सितंबर को 6 एकड़ में फैले पूरे परिसर को सील कर दिया। उन्होंने कहा कि शादियों का समय होने के चलते उन्होंने पंडाल बनाए थे, जिसे हटा दिया गया, लेकिन अब भी परिसर सील है, जबकि उन्होंने नोटिस का पहले ही जवाब दे दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली में अनधिकृत निर्माणों की सीलिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा कि हर किसी ने कानून अपने हाथों में ले लिया है। कोर्ट ने एक मोटल के मालिक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। यह मोटल दक्षिण दिल्ली के छत्तरपुर इलाके में स्थित है। इसे अधिकारियों ने सील कर दिया था। जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि हर किसी ने कानून अपने हाथों में ले लिया है। पीठ ने कहा कि किसी को यह क्यों कहना पड़ता है कि कृपया कानून का पालन करिए। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि 14 सितंबर को इमारत के बेसमेंट को अधिकारियों ने सील कर दिया था और फिर 20 सितंबर को 6 एकड़ में फैले पूरे परिसर को सील कर दिया। उन्होंने कहा कि शादियों का समय होने के चलते उन्होंने पंडाल बनाए थे, जिसे हटा दिया गया, लेकिन अब भी परिसर सील है, जबकि उन्होंने नोटिस का पहले ही जवाब दे दिया है।